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टीकों की कमी पर केंद्र का जवाब, राज्यों के पास अब भी 1.82 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज उपलब्ध

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देश के राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के पास अभी 1.81 करोड़ से अधिक कोविड वैक्सीन के डोज उपलब्ध हैं। राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत, केंद्र मुफ्त में टीके उपलब्ध कराकर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सहायता दे रहा है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को अब तक 22.77 करोड़ वैक्सीन मुफ्त और सीधे खरीद की श्रेणियों में उपलब्ध कराया गया है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के पास अभी 1.81 करोड़ से अधिक खुराक उपलब्ध हैं। इसके अलावा इन्हें चार लाख 86 हजार 180 वैक्सीन डोज उपलब्ध कराया जायेगा । ये वैक्सीन अगले तीन दिन में राज्यों को मिल जायेंगे।कई राज्यों में कोरोना के टीकों की कमी के कारण वैक्सीनेशन रोक दिया गया है| इस मसले पर केंद्र और राज्य सरकारों में ठनी हुई है|

बता दें कि कई राज्यों में कोरोना के टीकों की कमी के कारण टीकाकरण रोक दिया गया है. इस मसले पर केंद्र और राज्य सरकारों में ठनी हुई है. केंद्र सरकार ने नि:शुल्क माध्यमों और सीधी खरीद के माध्यम से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक 22.46 करोड़ से अधिक खुराकें उपलब्ध कराई हैं. शुक्रवार को सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक, बर्बाद हुई खुराकें मिलाकर अब तक कुल खपत 20,48,04,853 खुराकों की हुई है. तीसरे चरण की रणनीति के तहत, हर महीने भारत सरकार किसी भी टीका निर्माता की केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) द्वारा मंजूरी प्राप्त टीकों की 50 प्रतिशत खुराकों की खरीद करेगी. मंत्रालय ने कहा कि सरकार राज्यों को पहले की ही तरह टीके नि:शुल्क उपलब्ध कराना जारी रखेगी.

देश के कई राज्य कोरोना वायरस टीकों की कमी की लगातार शिकायत कर रहे हैं. हालांकि इसमें कुछ राजनीति भी है. फिर भी कई राज्यों ने टीकों की कमी होने की वजह से टीकाकरण अभियान को रोक दिया है. इनमें भी महाराष्ट्र और दिल्ली प्रमुख हैं. ये राज्य लगातार केंद्र सरकार से ग्लोबल टेंडर के जरिये वैक्सीन खरीदने की बात कर रहे हैं. ऐसे में कुछ राज्य ऐसे हैं जहां टीके की बर्बादी अभी भी जारी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी नए आंकड़ों के मुताबिक कोविड-19 वैक्सीन की बर्बादी के मामले में झारखंड, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु शीर्ष पर हैं. इन राज्यों में टीके की बर्बादी राष्ट्रीय औसत से भी कहीं ज्यादा है.

 

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